Biography Hindi

स्मिता पाटिल का जीवन (biography)

जन्म

स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। स्मिता पाटिल एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता का नाम शिवाजी राय पाटिल था, वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, जबकि उनकी माँ एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। स्मिता पाटिल ने भारतीय अभिनेता राज बब्बर से शादी की। 28 नवंबर 1986 को स्मिता ने बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म दिया।

शिक्षा

स्मिता पाटिल ने अपनी स्कूली शिक्षा महाराष्ट्र से ही की है। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई ‘फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’, पुणे से की।

करियर

स्मिता पाटिल के करियर की शुरुआत न्यूज रीडर के तौर पर हुई थी। वर्ष 1970 में, उन्होंने दूरदर्शन के लिए एक एंकर के रूप में काम करना शुरू किया। 1974 में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आने के बाद स्मिता पाटिल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी दमदार एक्टिंग का कमाल ही था कि वह कुछ ही सालों में हिंदी ही नहीं बल्कि मराठी सिनेमा का भी जाना-पहचाना चेहरा बन गईं।

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्मिता ने मराठी टेलीविजन में न्यूज राइटर के तौर पर काम किया। इस दौरान उनकी मुलाकात मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल से हुई। श्याम बेनेगल उन दिनों अपनी फिल्म ‘चरणदास चोर’ (1975) बनाने की तैयारी कर रहे थे। श्याम बेनेगल ने स्मिता पाटिल में एक उभरता सितारा देखा और स्मिता पाटिल को अपनी फिल्म में एक छोटा सा रोल दिया।

Read More: Nana Sahib Biography in Hindi

‘चरणदास चोर’ को भारतीय सिनेमा जगत में एक ऐतिहासिक फिल्म के रूप में याद किया जाता है, क्योंकि इस फिल्म के माध्यम से श्याम बेनेगल और स्मिता पाटिल के रूप में कलात्मक फिल्मों के दो दिग्गज पहुंचे। श्याम बेनेगल ने एक बार स्मिता पाटिल के बारे में कहा था कि “मैं पहली नजर से ही समझ गया था कि स्मिता पाटिल की स्क्रीन पर उपस्थिति अद्भुत है और इसे सिल्वर स्क्रीन पर इस्तेमाल किया जा सकता है।” हालांकि फिल्म ‘चरणदास चोर’ बच्चों की फिल्म थी, लेकिन इस फिल्म के जरिए स्मिता पाटिल ने बताया कि हिंदी फिल्मों में, खासकर रियलिस्टिक सिनेमा में स्मिता पाटिल के रूप में एक नया नाम जुड़ गया है।

इसके बाद साल 1975 में स्मिता को श्याम बेनेगल द्वारा निर्मित फिल्म ‘निशांत’ में काम करने का मौका मिला। 1977 स्मिता पाटिल के सिने करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इस साल उनकी ‘भूमिका’ और ‘मंथन’ जैसी सफल फिल्में रिलीज हुईं।

दुग्ध क्रांति पर बनी फिल्म ‘मंथन’ में दर्शकों को स्मिता पाटिल की अदाकारी के नए रंग देखने को मिले. इस फिल्म के निर्माण के लिए गुजरात के लगभग पांच लाख किसानों ने फिल्म निर्माताओं को अपनी दैनिक मजदूरी से दो-दो रुपये दिए और बाद में जब फिल्म रिलीज हुई, तो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई।

Read More: Sarla Devi Chaudhurani Biography in Hindi

1977 में स्मिता की ‘भूमिका’ भी रिलीज़ हुई, जिसमें उन्होंने 30-40 के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर मराठी थिएटर एक्ट्रेस हंसा वाडेकर के निजी जीवन को बखूबी महसूस किया। फिल्म ‘भूमिका’ में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें 1978 में ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ से भी नवाजा गया था। ‘मंथन’ और ‘भूमिका’ जैसी फिल्मों में उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, शबाना आजमी, अमोल पालेकर और अमरीश पुरी जैसे कलाकारों के साथ काम किया और अपनी अदाकारी दिखाकर अपना सिक्का बनाने में कामयाब रहीं. उन्होंने मंथन, भूमिका, आक्रोश, चक्र.चिदंबरम और मिर्च मसाला जैसी फिल्मों में काम किया।

स्मिता पाटिल को दिग्गज फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के साथ काम करने का भी मौका मिला। मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित टेलीफिल्म ‘सद्गति’ को उनके द्वारा निभाई गई बेहतरीन फिल्मों में आज भी याद किया जाता है।

स्मिता पाटिल ने 1980 की फिल्म ‘चक्र’ में सिल्वर स्क्रीन पर एक झुग्गी-झोपड़ी के किरदार को जीवंत किया। इसके साथ ही उन्हें फिल्म ‘चक्र’ के लिए दूसरी बार ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ से नवाजा गया। अस्सी के दशक में स्मिता पाटिल ने कमर्शियल सिनेमा की ओर भी रुख किया।

Read More: Kumar Mangalam Birla Biography in Hindi

इस दौरान उन्हें ‘नमक हलाल’ और ‘शक्ति’ (1982 की फिल्म) जैसी फिल्मों में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला, जिसकी सफलता ने स्मिता पाटिल को व्यावसायिक सिनेमा में भी स्थापित किया। अस्सी के दशक में स्मिता पाटिल ने कमर्शियल सिनेमा की ओर रुख किया। इसके साथ ही उन्होंने समानांतर सिनेमा में भी अपना तालमेल बनाए रखा।

इस दौरान उनकी ‘मॉर्निंग’ (1981), ‘बाजार’, ‘भीनी पालक’, ‘अर्थ’ (1982), ‘अर्ध सत्य’ और ‘मंडी’ जैसी फिल्में आईं। ‘(1983) ‘दर्द का रिश्ता’ (1982), ‘कसम पाने वाले की’ (1984), ‘आखिर क्यों’, ‘गुलामी’, ‘अमृत’ (1985), ‘नजराना’ और ‘नृत्य’ जैसी कलात्मक फिल्में और फिल्में -डांस’ (1987) जैसी कमर्शियल फिल्में रिलीज हुईं, जिसमें दर्शकों को स्मिता पाटिल की एक्टिंग की एक किस्म देखने को मिली।

आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसे लेगी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं ,यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं.

Read More: Sahoo Maharaj Biography in Hindi

Add comment

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

x